तब लूत ने कड़कें अपने दामादों हों, जिनके संगै ऊकी मोंड़ियों की पक्यात हो गई हती, समझा बुझाकें कई, “उठो, ई जागां सें कड़ चलो; कायसे यहोवा परमेसुर ई नगर हों नास करबे पै आय।” परन्त ऊ अपने दमादों की नजर में ठट्ठा करबेवारो जान पड़ो।
पांछू यीशु उन ग्यारह चेलन हां भी, जब बे भोजन करबे बैठे हते दिखाई दओ, और उनके अबिसवास और मन के कर्रेपन पै उरानों दओ, कायसे कि जिन ने ऊके जी उठबे के बाद ऊहां तको हतो, इन ने उनकी बात पै बिसवास नईं करो हतो।
बो बायरें कड़ो और ऊके पाछें पाछें चलो गओ; पर ऊ की समझ में जौ नईं आ रओ हतो, कि जो कछु सरगदूत कर रओ आय, बो सांची आय, पर ऊ ने जा सोची, कि मैं कोई दरसन हेर रओ आंव।