11 और ऊ घर के मालक से कईयो, कि गुरु तोसे कैत आय; कि बो पाहुनशाला किते आय जीमें मैं अपने चेलन के संग्गै फसह खाओं?
अगर कोऊ तुम से कछु कय, तो कहियो, कि प्रभु हां ईकी जरूरत आय: और बो तुरतईं ऊहां पठै दै है।
और ऊ जौन घर में जाबै, ऊ घर के मालिक से कईयो, गुरू कैत आय, कि मोरो पाहुंनौ कौ घर कौन सौ आय जीमें मैं अपने चेलन के संग्गै फसह खाओं?
जदि कौनऊं तुम से पूंछे, कि काय ढ़ीलत आव, सो जौ कै दईयो, कि पिरभु हां ईकी जरूरत आय।
उन ने कओ पिरभु हां ईकी जरूरत आय।
जब यीशु ऊ जांगा पोंचो, तो ऊहां तक के जक्कई से बोलो; हे जक्कई झट उतर आ; कायसे आज मोय तोरे घर में रैबो जरूरी आय।
यीशु ने उन से कओ; तको, नगर में पिड़तई एक मान्स पानू कौ मटका उठाए भए तुम हां मिल है, जौन घर में ऊ जाबै; तुम ऊके पांछू चले जईयो।
ऊ तुम हां एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिखा दै है; उते फसह की तईयारी करियो।
जौ कहके बा चली गई, और अपनी बहिन मरियम हां टेर के चुपके से कई, गुरू इतईं आय, और तोय बुलात है।
सुनो, मैं तुमाए मन के द्वारे पै ठाड़ो खटखटात आंव; अगर तुम मोरे टेरबे हां सुनो और मन के किवाड़ खोलो, तो मैं तुमाए मन में आहों और अपन दोई संग्गै खै हैं।