48 तब ऊके मताई बाप सन्न रै गए और ऊ की मताई ने ऊसे कई; हे बेटा, तेंने ऐसो व्यवहार हम से काय करो? तक, तोरो बाप और मैं कुढ़त भए तोए ढूंढ़त हते।
जब बो मान्सन से बातें कर रओ हतो, तो तको, ऊकी मताई और भईया बायरें ठांड़े हते, और ऊसे बातें करबो चाहत हते।
ऊ ने उन से कई; तुम मोय काय ढूंढ़त हते? का न जानत हते, कि मोय अपने बाप के घर में होबो जरूरी आय।
जब यीशु अपनी सेवकाई करन लगो, तो ऊ लगभग तीस बरस कौ हतो और (जैसो समजो जात आय) बो यूसुफ कौ पूत हतो; और बो एली कौ।
और सबरन ने ऊ की बड़वाई करी, और जौन दया किरपा की बातें ऊके मों से कड़त हतीं, उन बातन पे चकित भए; और कैन लगे; का जौ यूसुफ को पूत नईंया?
फिलिप्पुस ने नतनएल हां पाके ऊसे कई, जीके बारे में मूसा ने रीतियन में और अगमवकतन ने सोऊ लिखो आय, बो हम हां मिल गओ आय; बौ यूसुफ कौ पूत यीशु नासरी आय।