41 ऊके मताई-बाप हर साल फसह के त्योहार में यरूशलेम हां जाओ करत हते।
जब बो बारह साल को भओ, तो बे त्योहार की रीत अनसार यरूशलेम हां गए।
यहूदियन के फसह कौ परब ऐंगर हतो, और गांव के बिलात लोग फसह से पेंलई यरूशलेम हां गए, कि अपने आप हां शुद्ध करें।
फसह के परब के पेंला यीशु ने जौ जानके, कि मोरी घड़ी आ पहुंची आय, कि मैं संसार हां छोड़ के बाप के ऐंगर जाओं, तो अपनों से जौन संसार में हते, जैसो प्रेम ऊ रखत हतो, उन से अन्त लौ वैसई प्रेम धरें रओ।
यहूदियन कौ फसह कौ परब ऐंगर हतो और यीशु यरूशलेम हां गओ।
यहूदियन के फसह कौ परब ऐंगर हतो।