मैंने सरग से ऐसो शब्द सुनो, कि लिख; जो मान्स पिरभू में मरत आंय, बे अब से धन्न आंय, आत्मा ने सोई कई कि जौन मेहनत से काम उन ने करो आय उन हां इनाम मिल है, और बे आराम कर हैं।
उन ने ऊं ची आवाज में कहो; हे मालक, हे पवित्तर और सांचे जने; तुम कब लौ न्याव न कर हौ? और धरती पै के रहबेवारे जिन ने हमें मार डालो ऊ को पलटा कब लौ न लै हौ?