8 मालक ने ऊ अधरमी भण्डारी हां सराहो कि ऊ ने चतुराई से काम करो आय; कायसे ई संसार के मान्स अपनी बेरा के मान्सन के संग्गै रीत व्यवहारों में ज्योत के मान्सन से ज्यादा चतुर आंय।
यहोवा परमेसुर ने जितेक बनैले पसु बनाए हते, उन सब में सांप चतुर हतो; ऊने बईयर सें कई, “का सांची आय कि यहोवा परमेसुर ने कई, ‘तुम ई बगिया के कौनऊं पेड़ कौ फल नें खईयो?’”
और जो कोऊ मान्स के पूत के बिरोध में कोऊ बात कै है, ऊको जौ पाप क्षमा करो जै है, पर जौन कोनऊ पवित्र आत्मा के बिरोध में कछु कै है, ऊको पाप न तो ई जुग में और न आबेवारे जुग में क्षमा करो जै है।
पर तुम एक नबेरो भओ वंस, और राजपद अधकारी, याजकन कौ समाज, और पवित्तर लोग, और पवित्तर मान्स और परमेसुर की निज परजा आव, ई लाने कि जीने तुम हां अंधयारे में से अपनी जोत में बुलाओ आय, ऊके गुण परगट करो।
ऐसई तो पता पड़त आय कि कौन शैतान छलिया, और कौन परमेसुर के मानबेवारे आंय; जौन धरम की गैल नईं चलत, बो परमेसुर को मानबेवारे नईंयां, और न ऊ जनो, जौन अपने भईया से प्रेम नईं करत।