13 कौनऊं चाकर दो मालकन की सेवा नईं कर सकत: कायसे बो एक से बैर और दूसरे से प्रेम कर है; या एक से मिलो रै है और दूसरे हां ओछो जान है: तुम परमेसुर और धन दोईयन की सेवा नईं कर सकत।
कोऊ मान्स दो मालकन की चाकरी नईं कर सकत, कायसे बो एक से बैर और दूसरे से प्रेम रख है, या एक से मिलो रै है और दूसरे हां नैचों जान है; “तुम परमेसुर और धन दोई की भक्ति नईं कर सकत”।
हे पापीनिओ, का तुम नईं जानत, कि संसार से दोस्ती करबो परमेसुर से बैर धरबो आय? सो जो कोऊ संसार कौ दोस्त होबो चाहत आय, बो अपने आप हां परमेसुर कौ बैरी बनात आय।
जदि यहोवा परमेसुर की सेवा करबो तुमहों बुरई लगे, तौ आज चुन लेओ कि तुम कौन की सेवा करहौ, चाए उन देवतन की जिनकी सेवा तुमाए पुरखा महानदिया के ऊ पार करत हते, और चाए एमोरियों के देवतन की सेवा करो जिनके देस में तुम रैत आव; परन्त मैं तौ अपने घराने समेंत यहोवा परमेसुर ही की सेवा हमेसा करहों।”