8 या कौन ऐसी बईयर हुईये, जीके ऐंगर दस सिक्के होबें, और उन में से एक हिरा जाबै; तो बो दिया बार के और घर झाड़ बुहार के जब लौ हिरानो भओ सिक्का मिल न जाबे, ढूंढ़त न रैबे?
मैं तुम से कैत आंव; ऐई भांत एक हिया फेरबेवारे अधरमी के लाने सोई सरग में इतनी खुसी होत आय, जितनो के निन्नानबे ऐसे धरमियन के लाने नईं होत, जिन हां हिया फेरबे की जरूरत नईंयां।
मोरी और भी गाड़रें आंय, जौन ई गाड़रन के बाड़े की नईंयां, मोय उन हां भी लाबो जरूरी आय, और बे मोरो एैरो लें हैं; तब उन कौ एकई झुण्ड और एकई गड़रिया हुईये।