जीके कान होबें, बो सुन लेबें कि आत्मा मण्डलियन से का कैत आय; जौन इन बातन हां मान है, ऊहां मैं गुप्त मन्ना में से दै हों; और ऊहां एक सफेद पथरा सोई दै हों, और ऊ पथरा पै एक नाओं लिखो हुईये, जीहां केवल बे जान हैं जीहां बो मिल है।
ई लाने मैं तोहां सम्मति देत आंव, कि आगी में ताओ भओ सोना मोसे मोल ले कि सांचऊ में धनी हो जाबै; और सफेद उन्ना लैके पैर ले कि तोहां नंगेपन जैसी सरम न होबै; और अपनी आंखें आंजबे हां बढिया सुरमा लै ले, कि तोहां दिखान लगै।
और उन सबरन हां सफेद उन्ना दओ गओ और उन से कहो गओ, कि और थोड़ी बेरा लौ आराम करो, जब लौ तुमाए संग्गी सेवा करबेवारे, और भईया, जौन तुमाए जैसे कतल होबेवारे आंय, उन सबरन की गिनती पूरी न हो जाबै।
ईके पाछें मैंने हेरो, कि एक एक कुल और जातियन, देस और हर एक बोली बोलबेवारन की एक बड़ी भीड़, जीहां कोऊ गिन न सके उजरे उन्ना पैरें, और हातन में खजूर की डालियां लएं सिंहासन के सामूं और मेमने के सामूं ठांड़ी आंय।