जब लौ तें अपने साहूकार के संग्गै गैल में है, तो ऊसे जल्दी मेलजोल कर ले कहूं ऐसो न होए कि साहूकार तोय न्यायी हां सौंप दे, और न्यायी तोय सिपाई हां सौंप दे और तें जेहल में डार दओ जाए।
जब तें अपने मु ई के संग्गै हाकम के ऐंगर जा रओ आय, तो गैल में ऊसे छूटबे कौ जतन कर, ऐसो न हो, कि बो तोहां न्यायधीश के सामूं ले जाबे, और न्यायधीश तोहां सिपाई हां सौंपे और सिपाई तोहां जेहल में डाले।
या कौन ऐसो राजा आय, कि दूसरे राजा से लड़ाई करबे हां जात होबे, और पेंला बिराज के विचार न कर लेबे कि जौन बीस हजार सिपाई लेके मो पे चढ़ो आत आय, का मैं दस हजार सिपाई लेके ऊकौ सामना कर सकत आंव, कि नईं?
बो सूर और सैदा के लोगन से बिलात गुस्सा हतो; बे एक मन होकें ऊके ऐंगर आए और राजमहल के हाकिम बलास्तुस हां मनाके मेल करबो चाहो; कायसे राजा के देस से उन के देस की रोटी चलत हती।