14 तब तें धन्न हुईये, कायसे उन लौ तोहां बदला चुकाबे हां कछु नईंयां, पर जब धरमी जी उठ हैं तो तोहां ईकौ बदला मिल है।
जीसे तोरो दान गुप्त रए; और तोरो बाप जो गुप्त में हेरत आय, तोय फल दै है।
पर जब तें भोज करे, तो गरीब गुरवन, टुण्डों, लगड़ों और अंधरन हां नेवता में बुला।
जिन ने साजे काज करे आंय बे अनन्त जीवन के लाने जी उठ हैं, और जिन ने बुरय काज करे आंय बे दण्ड भोगबे के लाने फिन जी उठ हैं।
मैं परमेसुर में जौ आस धरत आंव, जैसे जे खुद भी धरत आंय, की सही में धर्मी और अधर्मी दोई कौ फिन से जी जाबो हुईये।