तब सब जनें खान, पियन लगे और दूसरन हों सोई खाबे, पीबे, भोजन बस्तें पठैबे और बड़ो आनंद मनाबे हों चले गए, कायसे जो बचन उनहों समझाए गए हते, उनहों बे समज गए हते।
और बिलात लोग ऊके ऐंगर आए, और बे अपने संग्गै लंगड़े, लूले, अन्धरे, बौरे और बिलात औरन हां लैके आए; और उन हां ऊके गोड़ों में डार दओ, और ऊने उन हां साजो करो।
तब यीशु ने अपने नेवता देबेवारे से सोई कओ, जब तें दिन कौ या रात कौ भोज करे, तो अपने मित्र या भाईयन या कुटुम्बी जन हां या धनवान पड़ोसियन हां न बुला, कऊं ऐसो न होय, कि बे सोई तोय नेवता देबें, और तोरो बदला हो जाबे।
ऊ चाकर ने घर लौट के जे बातें अपने मालक हां कै सुनाईं, तब घर के मालक ने खुन्स में आके अपने चाकर से कओ, नगर के बाजारों और गलियों में जाके फुर्तीं से, कगालों, टुन्डों, लगड़ों, और अंधरन हां इतै ले आ।
तब पतरस उठके उन के संग्गै हो लओ, और जब ऊ पोंचो, तो बे ऊहां ऊ अटारी पे ले गए; सबरी बिधवाएं रोत भईं ऊके ऐंगर आ ठांड़ी भईं: और जौन कुरता और उन्ना दोरकास ने उन के संग्गै रैत भए बनाए हते, दिखान लगीं।
और साजो काम करबेवारी रई होबै, जीने अपने लरका वारन हां ठीक से पालो होबै; पाहुरन की सेवा खुसामद करी होबै, पपित्तर जनन के गोड़े धोय होबें, और दुखियन की मदद करी होबै, और अच्छे कामन में मन से लगी रई होबै।