राजा ने हामान सें कई, “उलात करके अपने कहबे के अनसार ऊ उन्ना और ऊ घुड़वा हों लेकें, ऊ यहूदी मोर्दकै सें जौन राजभवन के फाटक में बैठो करत आय, ऊंसई कर। जैसो तेंनें कओ आय ऊमें कछु भी कमी नें होबे पाए।”
तब यीशु ने अपने नेवता देबेवारे से सोई कओ, जब तें दिन कौ या रात कौ भोज करे, तो अपने मित्र या भाईयन या कुटुम्बी जन हां या धनवान पड़ोसियन हां न बुला, कऊं ऐसो न होय, कि बे सोई तोय नेवता देबें, और तोरो बदला हो जाबे।
मैं तुम से कैत आंव, कि बो दूसरो नईंया, पर जौई मान्स धरमी ठैराओ जाके अपने घरै गओ; कायसे जौन कोई अपने आप हां बड़ो बना है, बो हलको करो जै है; और जौन कोई अपने आप हां हलको बना है, बो बड़ो करो जै है।
हे नए जवानो, तुम सोई धार्मिक बूढ़ों के नेंचें रओ तुम सबरे एक दूजे के लाने दीन और नरम बनो, कायसे परमेसुर घमंडियों कौ सामनो करत आय, परन्त बो दीनो पे दया करत आय।