1 फिन यीशु सब्त के दिना धरम पण्डतन के मुखियन में से कोऊ के घरै रोटी खाबे गओ: और बे औरें ऊ की ताक में हते।
तो एक मान्स कौ मोल गाड़र से कितेक बढ़के आय; ई लाने सब्त के दिना भला करबो सजो आय: तब ऊने ऊ मान्स से कई, अपनो हाथ बढ़ा।
और बे ऊ पै दोष लगाबे के लाने ऊ की घात में लगे भए हते, कि तकें, ऊ विश्राम के दिना ऊहां ठीक करत आय कि नईं।
जब बो बातें कर रओ हतो, तो कोऊ फरीसी ने ऊसे बिन्ती करी, कि मोरे घरै खाना खा; और बो भीतर जाके खाना खाबे हां बिराज गओ।
और तको, एक मान्स ऊके सामूं हतो, जिए जलन्धर कौ रोग हतो।
तब फरीसियन ने यीशु से पूंछो, कि परमेसुर कौ राज कबै आ है? तो ऊ ने उन हां उत्तर दओ, कि परमेसुर कौ राज उजागर रूप से नईं आत।
और बे औरें यीशु की ताक में लगे रए और उन ने कछु भेदिए पठैय, कि धरम कौ भेस धरके ऊ की कोऊ न कोऊ बात पकड़ें, जी से यीशु हां राजपाल हां सौंपे।
शास्त्री और फरीसी यीशु पे लांछन लगाबे कौ मौका पाबे की ताक में हते, कि तकें कि बो सब्त के दिना साजो करत आय कि नईं?
फरीसियन में से नीकुदेमुस नाओं कौ एक मान्स हतो, जौन यहूदियन कौ एक हाकिम हतो।
पर गमलीएल नाओं के एक फरीसी ने जौन व्यवस्थापक और सबरे मान्सन में आदरणीय हतो, महापंचायत में ठांड़े होकें प्रेरितन हां तनक देर के लाने बायरें कर देबे कौ हुकम करो।