7 तब मालक ने बागीचा के रखनवारे से कओ, हेर मैं तीन बरसन से ई अंजीर के पेड़ में फल ढूढ़बे हां आत आंव, पर नईं पाऊत, ईहां काट डाल किजौ माटी हां काय रोके रए।
हर एक पेड़ जो उमदा फल नईं देत, बो काटो और आगी में बारो जै है।
रखनवारे ने कई, हे मालक, ई बरस तो और रहन दे; कि मैं ईके चारों कोद खोद के खाद डाल हों।
और अब तो कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पे धरो आय, ई लाने जौन पेड़ साजो फल नईं फलत, बो काटो और आगी में डालो जात आय।
जो डार मोय में आय, और नईं फलत, ऊहां बो काट डालत आय, और जौन फलत आय, ऊहां बो छांटत आय कि और फले।
जदि कोई मोय में बनो नईं रै है, तो बो डाली की घांईं मेंक दओ जै है, और सूख जै है; और मान्स ऊहां जमा करके आगी में बार दें हैं, और बे बर जै हैं।