जौन दुख तोहां झेलबे पड़ हैं, उन से न डरा: कायसे शैतान छलिया तुम में से कछु लोगन हां जेहल में डलवा है कि तुमाओ बिसवास परखो जाबै; और तुम हां दस दिना लौ दुख उठाने पड़ है: मरबे लौ बिसवास धर; तो मैं तुम हां सरग को जीवन दै हों।
कि तें उते रैत आय जिते शैतान छलिया कौ सिंहासन आय, पर मोरे नाओं पै बिसवास धरे रैत आय; और मोपे बिसवास करबे से उन दिना में पक्को रओ, जब मोरो सच्चो और पक्को गवाह अन्तिपास, तुमाए बीच मारो गओ।