7 तुमाए मूड़ के सबरे बाल सोई गिने भए आंय, सो डरो नईं, तुम बिलात गौरईयन से बढ़ के आव।
तो एक मान्स कौ मोल गाड़र से कितेक बढ़के आय; ई लाने सब्त के दिना भला करबो सजो आय: तब ऊने ऊ मान्स से कई, अपनो हाथ बढ़ा।
आकास के चिरईयन हा हेरो! कि बे न तो बोत आंय, और न काटत आंय, और न खत्तों में बटोरत आंय, फिन भी तुमाओ स्वर्गीय बाप उन हां खिलात आय; का तुमाओ मोल उन से बढ़के नईंयां।
पर तुमाए मूड़ कौ एक बाल तक न गिर है।
ई लाने मैं तुम हां समझात आंव, की अपने प्राण बचाबे के लाने कछु खा लेओ, कायसे तुम में से कोऊ कौ बाल बांका न इुईये।