51 का तुम समजत आव कि मैं धरती पे मेल करवाबे हां आओ हों? मैं तुम से कैत आंव; नईं, पर अलैदा करवाबे हां आओ हों।
मैं धरती पे आग लगाबे हां आओ हों; और का चाहत आंव बस जा अबई सुलग जाती!
कायसे अब से एक घर में पांच जनें आपस में बैर धर हैं, तीन दो से और दो तीन से।
और जब बो जे बातें कह चुको, तो यहूदी आपस में बिलात बतकाव करत भए उते से चले गए।