41 तब पतरस ने कओ, हे पिरभु, का जा कनौत तें हम से या सब से कैत आय?
और जो कछु मैं तुमसे कैत आंव, ओई सब से कैत आंव, जागत रऔ।
फिन ऊ आओ, और उने सोऊत पाके पतरस से कओ; हे शमौन तें सो रओ आय? का तें तनक देर लौ नईं जग सको?
और बो चाकर जौन अपने मालक की मनसा जानत हतो, पर तईयार न रओ और न ऊ की मनसा के अनसार चलो बिलात मार खा है।
पर जौन न जानत भए मार खाबे के जोग काम करे बो तनक मार खा है, ई लाने जीहां बिलात दओ गओ आय, ऊसे बिलात मांगो जै है, और जिए बिलात सौंपो गओ आय, ऊसे बिलात मांग है।
सबरी बातन को अखीर तुरतईं होबेवारो आय; ई लाने संयमी होकें बिन्तवाई के लाने हुसयार रओ।
हुसयार रओ, और जागत रओ, कायसे तुमाओ बिरोधी शैतान, गरजबे वाले नाहर घांई ई ताक में रैत आय, कि कीहां फाड़ खाबै।