ई लाने मैं तुम से कहत आंव, कि अपने प्राण के लाने जा चिन्ता न करियो कि हम का खै हैं? और का पी हैं? और न अपने सरीर के लाने कि का पैर हैं? का प्राण खाबे से, और सरीर उन्ना से बढ़के नईंयां?
सोसनों के पेड़ों पे गौर करो कि बे कौन भांत बढ़त आंय; बे न मैनत करत, न कातत आंय; पर मैं तुम से कैत आंव, कि सुलैमान भी, अपने सबरे ठाट बाट में, उन में से कौनऊ एक के बिरोबर उन्ना न पैरें हतो।