22 फिन यीशु ने अपने चेलन से कओ; ई लाने मैं तुम से कैत आंव, अपने प्रान की चिन्ता सोस न करो, कि हम का खा हैं; और न अपनी देयां की, कि हम का पैर हैं।
जब मान्स तुम हां सभाओं और हाकमों और अधिकारियन के सामूं ले जाएं, तो सोस न करियो कि हम कौन भांत से या का उत्तर दें, या का कैबें।
कायसे भोजन से प्रान और उन्ना से देयां बढ़ के आय।
और तुम ई बात की खोज में न रओ, कि का खै हैं और का पी हैं, और न सक सन्देह करो।
सो मैं जौ चाहत आंव, कि तुम बिलात न सोचो: जीकौ ब्याओ नईं भओ बो मान्स पिरभु की बातन के सोच में रैत आय, कि पिरभु हां कैसे खुस राखै।
कोई बात की चाहना न करो: परन्त हर एक बात में अपनी बिनती धन्न मान के परमेसुर से करो।
रुपईया पईसा को लालच न करियो, और जो कछु तुम लौ आय, ऊ पै सन्तोष करियो; कायसे पिरभू ने कई आय, कि बे तुम हां कभऊं न छोड़ है।