20 पर परमेसुर ने ऊसे कओ; हे मूरख, ऐई रात तोरो प्रान तो से लै लओ जै है: तब जौन कछु तेंने जोड़ धरो आय, बो की कौ हुईये?
तब हामान ने उनसें अपने धन, अपने लड़केबालों की बढ़ती और राजा ने ऊहों की तरहां बढ़ाओ, और सबरे हाकम और अपने सब कर्मचारियन सें ऊंचो पद दओ हतो, इन सब कौ बखान करो।
हे मूरखो, जीने बायरें कौ हींसा बनाओ आय, का ऊ ने भीतर कौ हींसा नईं बनाओ?
जब मान्स कैत रै है, कि मजा मौज आय, और कछु डर नईयां, तो बरबादी को दिना एका एक आ जै है, जैसे एक गरभवती बईयर हां पिराबो होत आय; और बे न बच हैं।
ई संसार के मालदारों को आदेस दे, कि बे घमण्डी न होबें और धन कौ लालच न करें, पर परमेसुर पर जो हमाए सुख के लाने सब कछु बिलात देत आय।
कायसे न हम संसार में कछु लाए आंय और न कछु लै जा सकत आंय।
और जौ नईं जानत किकल का हुईये; तनक सुन लईयो, तुमाओ जीवन हैई का? तुम तो पानू की भाप जैसे आव, जौन तनक देर हां दिखात आय, फिन गायब हो जात आय।