19 और उते अपनी सबरी पज और मालपानू धर हों: और अपने प्रान से कै हों, कि प्रान, तोरे ऐंगर बिलात बरसन के लाने बिलात मालपानू धरो आय; सो चैन कर, खा, पी, सुख से रै।
जैसे मजा मौज में रैके ऊ ने अपने हां बड़ो दिखाओ; ऊं सई दुख और पिरातो ऊहां दो; कायसे बा अपने मन में कैत आय, मैं रानी बनी बैठी आंव, मैं बिधवा नईंयां; मैं कभऊं परेसानी में नईं पड़ हों।
दूसरी जातन की मन्सा के अनसार काम करबे, और लुच्चपन की बुरई अभलाखाओं, मतवालोपन, लीला-क्रीड़ा, पिय्यकड़पन, और घिनौनी मूरती पूजा में तुम ने पैले टैम खो दओ, बो बिलात भओ।
यीशु ने आंगू कओ, ई लाने होसयार रओ, ऐसो न होबे कि तुमाए हिये उनीदे और मस्ती, और ई जीवन के सोस चिन्ताओं से सुस्त हो जाबें, और बो दिना तुम पे फन्दे के घांई एकाएक आन पड़े।