आकास के चिरईयन हा हेरो! कि बे न तो बोत आंय, और न काटत आंय, और न खत्तों में बटोरत आंय, फिन भी तुमाओ स्वर्गीय बाप उन हां खिलात आय; का तुमाओ मोल उन से बढ़के नईंयां।
और उते अपनी सबरी पज और मालपानू धर हों: और अपने प्रान से कै हों, कि प्रान, तोरे ऐंगर बिलात बरसन के लाने बिलात मालपानू धरो आय; सो चैन कर, खा, पी, सुख से रै।