ई लाने हेरो, मैं तुमाए ऐंगरे आगमवकतन और ज्ञानियन और शास्त्रियन हां पठैत आंव; और तुम उन में से कितनन की हत्या कर हौ, और क्रूस पे चढ़ा हौ; और कितनन हां अपने प्रार्थना घरन में कोड़ा मार हौ, और एक नगर से दूसरे नगर खदेड़त फिर हौ।
ई लाने मैं तुम से कहत आंव, कि अपने प्राण के लाने जा चिन्ता न करियो कि हम का खै हैं? और का पी हैं? और न अपने सरीर के लाने कि का पैर हैं? का प्राण खाबे से, और सरीर उन्ना से बढ़के नईंयां?