53 जब बो उते से कड़ो, तो शास्त्री और फरीसी कछु पांछू पड़ गए और छेड़न लगे, कि बो बिलात बातें करे।
हाय तुम व्यवस्था पण्डतों पे! कि तुम ने समज ज्ञान की कुंजी तो ले लई, पर तुम खुद ऊ में अन्दर न गए, और जाबेवारन हां सोई रोक दओ।
और ऊ की घात में लगे रएं कि ऊ की मों की कोई बात पकड़ें।
और बे औरें यीशु की ताक में लगे रए और उन ने कछु भेदिए पठैय, कि धरम कौ भेस धरके ऊ की कोऊ न कोऊ बात पकड़ें, जी से यीशु हां राजपाल हां सौंपे।
फिन सदूकी जो कैत आंय, कि मरे भयन कौ जी उठबो हैई नईंयां, उन में से कछु यीशु के ऐंगर आए और ऊसे पूंछो।
मैंने भी जौई सोचो हतो, की नासरत के यीशु के नाओं के बिरुद्ध मोय बिलात कछु करने आय।
बो बुरई चाल नईं चलत, बो अपने भले की नईं सोचत, खिसयात नईंयां, बुरओ नईं मानत।
ईसे हम ने तीतुस हां समझाओ, कि जैसो ऊ ने पेंला करो, ऊं सई तुमाए बीच ई दान को काम सोई पूरो कर डालें।