51 हाबील की हत्या से लेके जकरयाह की हत्या लौ जौन वेदी और मन्दर के मजारें मार डारो गओ: मैं तुम से सांसी कैत आंव; ऊकौ लेखा ऐई बेरा के मान्सन से लओ जै है।
कि जितेक धर्मियन कौ खून धरती पे बहाओ गओ आय, बो तुमाए मूड़ पे पड़ है, यानि धर्मी हाबिल से लैके बिरिक्याह के पूत जकरयाह लौ, जीहां तुम ने मन्दर और बेदी के बीच में मार डारो हतो।