ईपै यहोवा परमेसुर ने सुख दैबेवारी सुगन्ध पाकें सोचो, “कि मान्स के कारन मैं फिन कभऊं धरती हों स्राप नें दैहों, जबकि मान्स के मन में बचपन सें जो कछु पैदा होत आय ऊ बुरओ ही होत आय; तब भी जैसो मैंने सबरे जीवों हों अब मारो आय, बैसो उनहों फिन कभऊं नें मारहों।
ई लाने जब परमेसुर हार की घांस हां, जौन आज आय, और कल भटिया में झोंक दई जै है, ऐसो उन्ना पैरात आय, तो हे कम भरोसा करबेवारो, तो बो तुम हां काय न पैहरा है?
कायसे जब एकई मान्स के पाप के काजें मौत ने ऊ एकई के द्वारा राज करो, तो जौन मान्स दया और धर्मरूपी बरदान बिलात से पात आंय, बे एक मान्स जाने के यीशु मसीह के द्वारा संच्चई अनन्त जीवन में राज कर हैं।
कायसे हम पेंला, मूरख और परमेसुर की अग्या न मानबेवाले, और दुबधा में हते, और भांत भांत की चाहना करत हते, और मजा मौज चाहत हते और अदावट धरें हते, और दूसरन को बुरओ सोचत हते, और बहुत घिना हते और दूसरन से बैर मानें हते।