3 तुम जाओ; तको, मैं तुम हां गाड़रन की घांई भेड़ियन के मजारें पठैत आंव।
हेरो, मैं तुम हां भेड़न जैसो बिगना के मजारें पठैत आंव, ई लाने सांपन की भांत चतुर और परेवा जैसो भोलो बनियो।
मोरे नाओं के काजें सब तुम से बैर कर हैं, पर जौन अन्त लौ गम खै है ओई की मुक्ति हुईये।
लबरे आगमवकतन से चौकन्ने रहियो, जौन गाड़रन के भेष धरके तुमाए ऐंगर आत आंय, पर भीतरै से बे भूखे फाड़खाबे वारे बिगना आंय।
ई लाने न बटुआ, न खलता, न पनईयां लेओ; और न गैल गोला में कोऊहां परनाम करियो।
बो जौन मजूर आय, गड़रिया नईंयां और न गाड़रन कौ मालक आय, बिघना हां आत देख, गाड़रन हां छोड़ के भाग जात आय, और बिघना लपक के उन हां इते उते कर देत आय।
जो बात मैंने तुम से कई हती, खबर धरियो, गुलाम अपने मालक से बड़ो नईं होत। जदि उन ने मोय सताव, तो बे तुम हां सोई सता हैं; जदि उन ने मोरी बात मानी, तो बे तुमाई भी मान हैं।
बे तुम हां प्रार्थनाघरन से काड़ दें हैं, बल्कि बा बेरा आ रई आय, कि जो कोऊ तुम हां मार डाल है, बो जान है कि मैं परमेसुर के लाने कर रओ आंव।
मैं जानत आंव, की मोरे जाबे के पाछें फाड़बे वाले बिगना तुमाए बीच आ हैं, जो गुट हां न छोड़ हैं।
और मैं ऊहां बता हों, कि ऊहां मोरे नाओं के काजें कैसे कैसे दुख पीड़ा उठाबे पड़ हैं।
और ऊसे दमिश्क के आराधनालयों के नाओं पे ई बात पे चिठियां मंगाई, कि का मान्स, का बईयर, जिन हां ई पंथ के पाबे उन हां बांध के यरूशलेम ले आबै।