फिन उनोंरन ने कई, “आओ, हम एक नगर और एक गुम्मट बना लें, जीकी चोटी आकास सें बातें करे, ई तरहां सें हम अपनो नाओं करें, एैसो नें होए कि हमें पूरी पृथ्वी पै फैलने पड़ै।”
और हे कफरनहूम, का तें सरग लौ ऊं चो करो जै है? तें पाताल लौ जै है; कायसे जौन चमत्कार के काम तोमें करे गए आंय, अगर बे सदोम में करे जाते, तो बो आज लौ बनो रैतो।