हाय खुराजीन; हाय, बैतसैदा; कायसे जौन चमत्कार के काम तुम में करे गए, अगर बे सूर और सैदा में करे जाते, तो टाट ओढ़ के, और राख में बैठ के, बे कब के मन फेर लेते।
सो अब हे लांछन लगाबेवारे, तें कोनऊ काय न होबै; तो लौ कछु उत्तर नईयां! कायसे जौन बात में तें दूसरन पे लांछन लगात आय, ओई बात में अपने हां भी दोषी ठहरात आय, कायसे जैसो लांछन तें लगात आय, तें सोई ऊंसई काम करत आय।
और जौन मान्स जाति के कारन बिन खतना के रओ, जदि बो नैम व्यवस्था हां पूरो करै, तो का तोय जौन लिखित नैम व्यवस्था आय और खतना करे जाबे पे लौ नैम व्यवस्था हां नई मानत आय, तोहां दोसी न ठैरा है?