28 सरगदूत ने ऊके ऐंगरे आके कओ; तोरी जय हो, पिरभु ने तो पे किरपा करी आय, पिरभु तोरे संग्गै आय।
जौ सुन के कहबेवारे हां उत्तर दओ; को आय मोरी मताई?
जी की लगुन यूसुफ नाओं के दाऊद के वंस के एक मान्स से भई हती: ऊ कुंवारी कौ नाओं मरियम हतो।
बा उन बातन से बिलात डरा गई, और सोचन लगी, कि जौ की भांत कौ परनाम आय?
सरगदूत ने मरियम से कओ, न डरा, कायसे परमेसुर की किरपा तो पे भई आय।
और टेर के कई, तें बईयरन में धन्न आय, और तोरे पेट कौ फल सोई धन्न आय।
कायसे मैं तोरे संग्गै आंव: और कोऊ जन हानि पोंचाबे के लाने तोपे वार न कर है; कायसे ई नगर में मोरे बिलात जनें आंय।
कि उनकी दया को गुनगान होबे, जौन उन ने हमें उन प्यारे में सेंत मेत दओ।