12 जकरयाह ऊहां तक के घबरा गओ और बो बिलात डरा गओ।
और कबर के भीतर जाके, उन ने एक जवान हां सफेद उन्ना पैरें भए दांएने कोद बैठो तको, और भौत चकित हो गईं।
बा उन बातन से बिलात डरा गई, और सोचन लगी, कि जौ की भांत कौ परनाम आय?
ऊ ने ऊहां ऐन जोर लगा के तको; और डर के कओ; हे पिरभु का आय? ऊ ने कओ, तोरी बिन्तवाई और दान सुमरण के लाने परमेसुर के आंगू पोंचे आंय।
जब मैं ने उन हां तको, तो ऊके गोड़े में मुरदा जैसो गिर पड़ो और ऊ ने मोपे अपनो दाहिनो हाथ धरके कई, कि न डर; मैं पेंला और अन्त लौ रैबेवारो और जीयत आंव।