जौन दिना हम तुमाए लिगां चलबे हों कड़े ऊ दिना तौ हमने अपने-अपने घर सें जा रोटी गरम और ताजी लई हती; परन्त अब हेरो, जा सूक गई आय और ईमें फफूंदी लग गई आय।
फिन जौन मदिरा के कुप्पे हमने भर लए हते, तब तौ नए हते, परन्त हेरो अब जे फट गए आंय; और हमाए जे उन्ना और पनईंयां बड़ी लम्बी यात्रा के कारन पुरानी हो गई आंय।”