13 फिन जौन मदिरा के कुप्पे हमने भर लए हते, तब तौ नए हते, परन्त हेरो अब जे फट गए आंय; और हमाए जे उन्ना और पनईंयां बड़ी लम्बी यात्रा के कारन पुरानी हो गई आंय।”
पुरानी मशकन में नओ दाखन कौ रस नईं भरत: कायसे ऐसो करबे से मशकें फट जै हैं, और दाखन कौ रस बह जात आय, और मशकें नास हो जात आंय, पर नओ दाखन कौ रस नई मशकन में भरत आंय और दोनऊ साजे बचे रहत आंय।
नए दाखरस हां पुरानी मशकन में कोऊ नईं रखत, नईं तो दाखरस मशकन हां फाड़ दै है, और दाखरस और मशकें दोई बरबाद हो जै हैं; लेकिन दाख कौ नओ रस नई मशकन में भरो जात आय।
जौन दिना हम तुमाए लिगां चलबे हों कड़े ऊ दिना तौ हमने अपने-अपने घर सें जा रोटी गरम और ताजी लई हती; परन्त अब हेरो, जा सूक गई आय और ईमें फफूंदी लग गई आय।