12 जौन दिना हम तुमाए लिगां चलबे हों कड़े ऊ दिना तौ हमने अपने-अपने घर सें जा रोटी गरम और ताजी लई हती; परन्त अब हेरो, जा सूक गई आय और ईमें फफूंदी लग गई आय।
ई लाने हमाए इतै के स्याने मान्सन ने और हमाए देस के सबरे रैबेवारों ने हमसें कई, कि ‘गैल के लाने अपने संगै खाबे की बस्तें लैकें उनसें मिलबे हों जाओ; और उनसें कईयो, “कि हम तुमाए दास आंय; ई लाने अब तुम हमसें कौल करो”।’
फिन जौन मदिरा के कुप्पे हमने भर लए हते, तब तौ नए हते, परन्त हेरो अब जे फट गए आंय; और हमाए जे उन्ना और पनईंयां बड़ी लम्बी यात्रा के कारन पुरानी हो गई आंय।”