तब उनोंरन ने अपनी अपनी जागां पै ठांड़े होकें दिन के एक पहर लौ अपने यहोवा परमेसुर की ब्यवस्था की पोथी पढ़त, और दूसरे पहर अपने पापन हों मानत, और अपने यहोवा परमेसुर हों दंडवत करत रए।
ब्यवस्था की जा पोथी तोरी जीभ सें कभऊं नें उतरने पाए, ऐई में दिन-रात ध्यान दए रईयो, ई लाने कि जो कछु ऊमें लिखो आय ऊके अनसार करबे की तें चौकसी करे; कायसे एैसई करबे सें तोरे सबरे काम सफल हुईयें, और तें प्रभावसाली हुईये।