जैसो तेंने यरीहो और ऊके राजा सें करो बैसई ऐ और ऊके राजा संगै भी करियो; ई लाने ऊ नगर के पाछें की कोद अपने मान्सन हों घात में लगा देओ; केवल तुम पसुओं समेंत ऊकी लूट तौ अपने लाने ले सकत आव।”
परन्त पिरभु कौ दिन भड़या घांई आ जै है, ऊ दिन आकास बड़ी हड़बड़ाहट की गरजन से जात रै है, सबरी चीजें बिलात तांती होकें पिघल जै हैं, धरती और ऊ पे के काम जल जें हैं।