14 ई लाने अब यहोवा परमेसुर कौ डर मानकें ऊकी सेवा खराई और ईमानदारी सें करो; और जौन देवतन की सेवा तुमाए पुरखा महानदिया के ऊ पार और मिस्र में करत हते, उनहों दूर करके यहोवा परमेसुर की सेवा करो।
तब याकूब ने अपने घराने सें, और उन सब सें भी जौन ऊके संगै हते कई, “तुमाए मजारें जो पराए देवता आंय, उनहों काड़कें मैंको, और अपने-अपने हों सुद्ध करो, और अपने उन्ना बदल डालो;
ई भांत सबरे यहूदिया, और गलील और सामरिया में मण्डली हां चैन मिलो, और ऊ की बढ़त होत रई; और बो पिरभु के डर और पवित्तर आत्मा की शान्ति में और आंगू बढ़त जात हती।
कायसे हम अपने हिये की जा बात मानत आंय, कि और ऊ पै बड़वाई करत आंय, कि संसार में और तुमाए बीच हमाई चाल परमेसुर को भाबेवारी पवित्तर और सांची हती, और ऐसो संसार के ज्ञान से नोंई, अकेले परमेसुर की दया से भई।
तब यहोशू ने उन सब मान्सन सें कई, “इस्राएल कौ यहोवा परमेसुर ई तरहां सें कैत आय, ‘आदिकाल में अब्राहम और नाहोर को बाप तेरह बगैरह, तुमाए पुरखा फरात महानदिया के ऊ पार रैत भए दूसरे देवतन की उपासना करत हते।