21 ऊने कई, “तुमाए बचनों के अनसार होबै।” तब ऊने उनहों बिदा करो, और बे चले गए; और ऊने लाल रंग की डोरी हों जंगला में बांध दओ।
ई लाने जो कोऊ मोरी इन बातन हां सुनके ऊन हां मानत आय, बो ऊ होसियार मान्स की तरहां हुईये जीने अपनो घर चट्टान पे बनाओ।
ऊ की मताई ने चाकरन से कई, जो कछु बो तुम से कय, ओई करियो।
सुन, जब हमोंरें ई देस में आहें, तब जौन जंगला सें तेंने हम हों उतारो आय ऊमें जाई लाल रंग के सूत की डोरी बांध दईयो; और अपने मताई-बाप, भइयों, बल्कि अपने बाप के सबरे घराने हों ऐई घर में अपने लिगां इकट्ठो करके रखियो।
फिन जदि तें हमाई जा बात कोऊ पै परगट करे, तौ जौन कौल तेंने हम हों खिलाई आय ऊसें हम स्वतंत्र ठैरहें।”
बे जाकें पहड़वा पै पोंचे, और उतै खोजबेवारों के लौटबे लौ, मतलब तीन दिना लौ रए; और खोजबेवारे उनहों पूरी गैल में ढूंढ़त रए और कऊं नें पाओ।