21 बिन्यामीनियों के गोत्र हों उनके कुलों के अनसार जे नगर मिले, मतलब यरीहो, बेत-होग्ला, एमेक-कसीस,
यीशु ने उत्तर दओ, कि एक मान्स यरूशलेम से यरीहो जा रओ हतो, डाकुअन ने ऊए घेर के ऊके उन्ना उतार लए, और मार पीट के ऊहां अधमरो छोड़ के चले गए।
यीशु यरीहो में पिड़ के जा रओ हतो।
बेथ-होग्ला हों चड़त भए बेत-अराबा की उत्तर कुदाऊं होत भए रूबेनी बोहन नाओं पथरा लौ चढ़ गई;
उनकी उत्तरी सीमा यरदन सें सुरू भई, और यरीहो की उत्तरी कोद सें चढ़त भए पच्छिम कुदाऊं पहड़िया देस में होकें बेतावेन के जंगल में कड़ी;
उतै सें बा सीमा बेत-होग्ला के उत्तर कोद सें जाकें खारे तलाब के उत्तर कुदाऊं के कोल में यरदन के मुहाने पै कड़ी; दक्खिन की सीमा जाई ठैरी।
पूरब कुदाऊं की सीमा यरदन ही ठैरी। बिन्यामीनियों कौ हींसा, चारऊं कोद की सीमाओं सहित, उनके कुलों के अनसार, जौई ठैरो।
बेत-अराबा, समारैम, बेतेल,
तब नून के मोंड़ा यहोशू ने दो भेदियों हों शित्तीम सें चुपके सें पठै दओ, और उनसें कई, “जाकें ऊ देस और यरीहो हों हेरो।” तुरतईं बे चल दए, और राहाब नाओं बेस्या के घर जाकें सो गए।
यरीहो के सबरे फाटक इस्राएलियन के डर के मारे बन्द रए, और कोऊ बायरें-भीतरें आबे जाबे नें पात हतो।