तब मल्लाहों ने डरकें अपने अपने देवतन हों चिल्लयाओ; और जहाज में जौन ब्योपार की बस्तें हतीं उनहों समंदर में मेंकन लगे कि जहाज हल्को हो जाबै। परन्त योना जहाज के निचले हींसा में उतरकें सो गओ हतो और गैरी नींद में पड़ो हतो।
तब यहोवा परमेसुर ने एक अरंड़ी कौ पेड़ उगाकें एैसो बड़ो करो कि योना की मूंड़ पै छांयरी होबै, जीसें ऊको दुख दूर हो सके। योना ऊ अरंड़ी के पेड़ सें भौतई खुस भओ।