13 तौभी बे बड़े जतन सें खेत रए कि ऊहों किनारे पै लगाएं, परन्त पोंच नें पाए, कायसे समंदर की लहरें उनके बिरोद में बढ़तई जा रईं हतीं।
ऊने उनसें कई, “मोय उठाकें समंदर में मेंक देओ; तब समंदर सान्त पड़ जैहै; कायसे मैं जानत आंव, कि जा बिकराल आंधी तुमाए ऊपरै मोरे कारन आई आय।”
तब उनोंरन ने यहोवा परमेसुर हों चिल्लयाकें कई, “हे यहोवा परमेसुर हम बिनती करत आंय, कि ई मान्स के प्राण के संगै हमाओ नास नें होबै, और नें हमें निरदोस की हत्या कौ दोसी ठैरा; कायसे हे यहोवा परमेसुर, जो कछु तोरी इच्छा हती ओई तेंने करो आय।”