50 मैं अपनो मान नईं चाहत, एक आय, जौन चाहत आय, और न्याव करत आय।
मैं मान्सन से बड़वाई नईं चाहत।
जौ ना सोचियो, कि बाप के सामूं मैं तुम हां दोषी ठहरा हों, तुम हां दोषी ठहराबे वालो तो मूसा आय, जीपे तुम ने आस धरी आय।
जौन अपनी कोद से कहत आय, बो अपनी ही बड़ाई चाहत आय; पर जौन अपने पठैबेवाले की बड़ाई चाहत आय, ओई सांचो आय, और ऊ में कोई पाप नईंयां।
यीशु ने उन से कई; जदि मैं खुद की बड़ाई करों, तो मोरो मान कछु भी नईंयां, मोय मान देबेवालो मोरो बाप आय, जीके बारे में तुम कहत आव, कि बो हमाओ परमेसुर आय।