कायसे जो बातें तेंने मोय दईं, मैंने उन हां कै दओ आय, और उन ने उन बोलन हां मान लओ और सही में जान लओ आय, कि मैं तोसें कड़ो आंव, और उन ने भरोसा करो आय कि तेंने ही मोय पठैव आय।
मैं तुम से सांची सांची कहत आंव, जौन मोरो बचन सुनके मोरे पठैबेवाले पे भरोसा करत आय, अनन्त जीवन ऊ को आय, और ऊ पे दण्ड कौ हुकुम नईं हुईये, परन्त बो मृत्यु से पार होकें जीवन में पिड़ चुको आय।
जौ ओई आय, जीने हार में मण्डली के मजारें ऊ सरगदूत के संग्गै सीनै पहरवा पे ऊसे बातें करीं, और हमाए बाप दादों के संग्गै हतो: ओई हां जीयत बचन मिले, कि हम लौ पोंचाए।