मिटाबे नईं, परन्त पूरो करबे आओ हों; कायसे मैं तुम से सांची कहत हों, कि जब लौ आकास और धरती टर न जाएं, तौ लौ व्यवस्था में से एकऊ चिन्न नईं टल है, जब लौ की सबई कछु पूरो न हो जाबै।
जीवन की रोटी जौन सरग से उतरी बो मैं आंव। जो कोऊ ई रोटी में से खा है, तो बो सदा लौ जीयत रै है, और जौन रोटी मैं जगत के जीवन के लाने दै हों, बो मोरो मांस आय।
जीके कान होबें, बो सुन लेबें कि आत्मा मण्डलियन से का कैत आय; जौन इन बातन हां मान है, ऊहां मैं गुप्त मन्ना में से दै हों; और ऊहां एक सफेद पथरा सोई दै हों, और ऊ पथरा पै एक नाओं लिखो हुईये, जीहां केवल बे जान हैं जीहां बो मिल है।
जीके कान होबें, बे सुन लेबें कि आत्मा मण्डलियन से का कैत आय: कि जो जय पाबै, मैं ऊहां जीवन दैबेवारे पेड़ में से जो परमेसुर के सरगलोक में लगो आय, ऊके फल खैबे हां दै हों।