48 जीवन की रोटी मैं आंव।
धन्न आंय बे, जौन धर्म के भूखे और प्यासे हैं, कायसे बे अफर जें हैं।
ई लाने यहूदी ऊ पे कुड़कुड़ान लगे, कायसे ऊ ने कई; जो रोटी सरग से उतरी आय, बो मैं आंव।
जीवन की रोटी जौन सरग से उतरी बो मैं आंव। जो कोऊ ई रोटी में से खा है, तो बो सदा लौ जीयत रै है, और जौन रोटी मैं जगत के जीवन के लाने दै हों, बो मोरो मांस आय।