25 उन ने जब ऊहां झील के ऊ पार पाओ तो ऊसे कई, हे गुरू, तें इते कबै आओ?
बे पार होकें गन्नेसरत देश में पहुंचे।
और बाजारों में मान सम्मान और लोगन से गुरू कहलाबो उन हां, पुसात आय।
पर तुम गुरू न कहलाईयो; कायसे तुमाओ एकई गुरू आय: और तुम सब भईया आव।
और बे ऊ पार उतर के गन्नेसरत जांगा में पोंचे, और नाव घाट पै लगा दई।
ओई बेरा ऊके चेलन ने ऊसे बिनती करी, हे गुरू, कछु खा ले।