24 जब भीड़ ने तको, कि न तो उते यीशु आय, और न ऊके चेले, तो बे खुद हल्की हल्की नाव पे चढ़के यीशु हां खोजत भए कफरनहूम पहुंचे।
बे पार होकें गन्नेसरत देश में पहुंचे।
जब ऊ मिलो, सो ऊसे कओ; सब लोग तोहां ढूंढ़ रए आंय।
और बे ऊ पार उतर के गन्नेसरत जांगा में पोंचे, और नाव घाट पै लगा दई।
जब यीशु लौट रओ हतो, तो मान्स ऊसे बड़ी खुसी से मिले; कायसे बे सबरे ऊ की बाट तकें हते।
यीशु ने ऊसे कई, हे बईयर, तें काय रोत आय? तें कीहों ढूंढ़त आय? ऊ ने ऊहां माली जानके ऊसे कई, भले मान्स, जदि तें ऊहां कहूं उठा ले गओ आय तो मोय बता कि तेंने ऊहां किते धरो आय, और मैं ऊहां ले जै हों।
और नाव पे चढ़बे के पाछें बे कफरनहूम हां जाबे के लाने झील पार करन लगे, अंधयारो हो गओ हतो, और यीशु अबै लौ उन के ऐंगर नईं आओ हतो।
(तबई तिबिरियास से ऊ जांगह के ऐंगर दूसरी नावें आईं, जिते उन ने प्रभु के धन्यवाद देबे के पाछें रोटी खाई हती)।
यीशु ने उन से कई, मैं तुम से सांची सांची कैत आंव, तुम मोय ई लाने नईं खोजत कि तुम ने चिन्ह हेरे, परन्त ई लाने कि तुम ने रोटियां खांई और अफर गए।
ऊ ने जे बातें ऊ बेरा कईं, जब बो कफरनहूम के एक प्रार्थनाघर में सीख दे रओ हतो।
ई लाने यहूदी ऊ परब में ऊहां ढूंड़त रए और कह रए हते बो किते आय?