22 दूसरे दिना भीड़ ने, जौन झील के ऊ पार रह गई हती, जौ तको, कि केवल एक हल्की नाव उते हती, यीशु चेलन के संग्गै नाव पे नईं चढ़ो हतो, केवल चेले ही ऊ पार चले गए हते।
तब ऊने तुरतईं अपने चेलन हां नाव पे चढ़बे के लाने जबरंई करी, कि बे ऊसे पेंला ऊ पार जाबें, और खुद लोगन हां विदा करन लगो।
तब ऊ ने तुरतईं अपने चेलन हां बिवश होकें नाव पै चढ़ाओ, कि बे ऊसे पेंला ऊ पार बैतसैदा हां चले जाबें, जब लौ ऊ लोगन हां विदा करे।
और एक बड़ी भीड़ ऊके पाछें निंग रई हती, कायसे बे उन अचरज के कामन हां हेरत हते जिन हां बो बीमारन पे करत हतो।